नेपाल की शुक्ला फांटा सेंचुरी से निकलकर सितरागंज तक पहुंचने वाले दोनों हाथी खटीमा के जंगल में विचरण कर रहे हैं। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश वन विभाग की टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है। शारदा नदी पार कर दो नेपाली हाथी 15 सितंबर की रात सेल्हा और मझारा गांव पहुंच गए थे। हाथियों ने कई किसानों की फसलों को खराब कर दिया था।
ग्रामीणों और वन विभाग की टीम के खदेड़ने पर हाथी पीलीभीत टाइगर रिजर्व की बराही रेंज में दाखिल होने के बाद महोफ रेंज होते हुए रात में उत्तराखंड तरफ निकल गए थे। 16 सितम्बर को नेपाली हाथियों ने खटीमा क्षेत्र के कई किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाते हुए मझोला क्षेत्र से निकलकर उत्तराखंड के कस्बा सितारगंज क्षेत्र की तरफ धाबा बोला था।
उनकी वाचिंग करने के लिए दोनों प्रांतों की टीम जुटी हुई है जो उन्हें नेपाल की तरफ वापस ले जाने का प्रयास कर रही है। गुरूवार की शाम के समय तक दोनों हाथी खटीमा के जंगल के अंदर पहुंच गए। पिछले वर्ष जिन दो नेपाली हाथियों ने रामपुर तक पहुंचकर उत्पात मचाया था यह दोनों हाथी वहीं होने की बात वन विभाग के अधिकारी कह रहे हैं।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के एसडीओ प्रवीण खरे ने बताया कि खटीमा जंगल के बेहद अंदर दोनों हाथी है। जंगल के रास्तों से ही उन्हें शुक्ला फांटा सेंचुरी भेजने की कवायद की जा रही है। टीमें लगातार उनकी निगरानी कर रही हैं।
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